Neeru
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धारावाहिकों में दिखायी जाने वाली स्त्रियां आधुनिकता और पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित नज़र आती हैं. सच तो यह है कि इन् धारावाहिकों में भारतीय संस्कृति का चीर हरण ज़ारी है जिसका असर हमारे आस-पास भी नज़र आने लगा है. आधुनिक युवतियां इन्हें अपना रोल मॉडल मान कर प्रदर्शन की वास्तु बनने में विश्वास करने लगी हैं. ब्यॉय फ्रेंड्स बनाना अब साधारण सी बात रह गयी है. विवाहेतर सम्बन्ध बनाने में भी इन्हें संकोच नहीं. ऐसे वातावरण के निर्माण में धारावाहिकों की स्त्रियों ने जो भूमिका अदा की है उसका हमारी भारतीय संस्कृति से मेल नहीं बैठता.
आज समय की मांग है कि धारावाहिकों के स्तर में सुधार लाया जाये ताकि इसके दुष्प्रभाव से अपने आस पास की स्त्रियों को बचाया जा सके.
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