Menu
blogid : 14328 postid : 1105539

आज के दौर में ट्यूशन का महत्व.

Neeru
Neeru
  • 26 Posts
  • 12 Comments

देश भर में कुकुरमुत्तों सरीखे उग रहे कोचिंग सेंटर आज शिक्षा व्यवस्था की खामियों का नतीजा है. आज ट्यूशन ने व्यवसाय का रूप ले लिया है. ज़्यादातर बच्चे अपनी पढाई पूरी करने के लिए कोचिंग सेंटर जाने लगे हैं. विद्यार्थी पढाई में कमज़ोर हों तो ट्यूशन के फायदे हैं. ट्यूशन के बहाने वे प्रतिदिन पढाई करते हैं. यदि शिक्षक प्रशिक्षित हों तो वे अच्छे पथ प्रदर्शक साबित हो सकते हैं.
स्कूल के शिक्षक बच्चों की पढाई पर विशेष ध्यान नहीं देते. पाठ समझ में आये या न आये वे कक्षा में पढ़ा कर चले जाते हैं. अपवाद के तौर पर कुछ शिक्षक अच्छे हो सकते हैं. इसके विपरीत ट्यूशन पढने वाले शिक्षक यह ध्यान में रखते हैं की विद्यार्थी अपनी पढाई को ठीक तरह से समझ जाएं. उन्हें इस बात का डर रहता है कि अगर विद्यार्थी के परिणाम अच्छे न हुए तो इसके ज़िम्मेदार तो वही कहलायेंगे. यही वजह है कि ट्यूशन पढने वाले सचेत रहते हैं ताकि परीक्षा के परिणाम अच्छे हों. उनकी प्रतिष्ठा बढे और अधिक से अधिक बच्चे ट्यूशन पढ़ने के लिए दाखिल लें.
ट्यूशन के फायदे तो अधिक हैं पर साथ ही साथ नुक्सान भी बहुत हैं. ट्यूशन पर निर्भर करने वाले विद्यार्थी कक्षा में एकाग्रचित हो कर ध्यान नहीं देते. वे सोचते हैं कि ट्यूशन पढने वाले शिक्षक तो सब कुछ बता ही देंगे. ट्यूशन के लिए आने जाने में समय की भी बर्बादी होती है. खेल – कूद, मनोरंजन के लिए कम ही समय मिल पता है.
आज कल विद्यार्थी पढाई के बोझ तले दबता चला जा रहा है और बच्चों की पढाई में रुचि घटती जा रही है. अगर विद्यार्थी पढाई में अच्छा करने कि इक्छा रखता है तो अपनी पढाई नियमित रूप से करे और कक्षा में ध्यान लगा के शिक्षक की बातें सुने तो वह अवश्य एक अच्छा विद्यार्थी बन सकता है, तब उसे ट्यूशन की भी आवश्यकता नहीं होगी. अगर ट्यूशन शुरू करना ही पड़े तो पहले सही कोचिंग का चुनाज़ करना चाहिए.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply